हरी भरी हो धरती अपनी, हरा भरा हो आंगन, हरा भरा हो विश्व हमारा, तभी होगा पर्यावरण संतुलन। प्रदूषण को दूर भगाओ, पर्यावरण को बचाओ, एक एक वृक्ष लगाओ, अपनी धरती को बचाओ। अब ना कटने देंगे हम पेड़, आओ ...
केदारनाथ बरनवाल मेरा नाम है,
कहानी कविताएं लिखने और पढ़ने का मेरा शौक है,
अपनी भावनाओं को मैं व्यक्त करता हूं ,
लोगों की भावनाओं को मैं समझने का प्रयास करता हूं,
मैं एक सामाजिक प्राणी हूं ,
और समाज में रहकर समाज का हित चाहता हूं ,मेरी लेखनी से अगर किसी का भला हो जाए,
मैं वही काम करना चाहता हूं।
Summary
केदारनाथ बरनवाल मेरा नाम है,
कहानी कविताएं लिखने और पढ़ने का मेरा शौक है,
अपनी भावनाओं को मैं व्यक्त करता हूं ,
लोगों की भावनाओं को मैं समझने का प्रयास करता हूं,
मैं एक सामाजिक प्राणी हूं ,
और समाज में रहकर समाज का हित चाहता हूं ,मेरी लेखनी से अगर किसी का भला हो जाए,
मैं वही काम करना चाहता हूं।
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