रँगरेज़ा

रँगरेज़ा

उपन्यासromance
बाग़ी
4.8
4232 ratings & 890 reviews
203864
7 hours
51 parts
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की... आखिर तुम समझते क्या हो अपने आपको? हमारी शादी हुई है इसका यह मतलब नहीं है कि तुम मेरे साथ जो चाहे करोगे और फिर जानते क्या हो तुम मेरे बारे में?" मैं जोर ...
203864
7 hours
parts
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की... आखिर तुम समझते क्या हो अपने आपको? हमारी शादी हुई है इसका यह मतलब नहीं है कि तुम मेरे साथ जो चाहे करोगे और फिर जानते क्या हो तुम मेरे बारे में?" मैं जोर ...

Chapter

6
रँगरेज़ा: 5. उलझन-ए-ज़ुल्फ़
Download the app to read this part
7
रँगरेज़ा: 6. एक नज़र दिखलाए
Download the app to read this part
8
रँगरेज़ा: 7. बेचैन रात
Download the app to read this part
9
रँगरेज़ा: 8. एक शख़्स ऐसा भी
Download the app to read this part
10
रँगरेज़ा: 9. ज़बान की क़ीमत
Download the app to read this part
11
रँगरेज़ा: 10. सज़ा-ए-लड़कपन
Download the app to read this part
12
रँगरेज़ा: 11. ज़ीरो हो तुम
Download the app to read this part
13
रँगरेज़ा: 12. प्यार या कुछ और
Download the app to read this part
14
रँगरेज़ा: 13. प्यार में फिसली ज़ुबान
Download the app to read this part
15
रँगरेज़ा: 14. कुछ पन्ने अतीत के
Download the app to read this part