रँगरेज़ा

रँगरेज़ा

उपन्यासromance
बाग़ी
4.8
4250 ratings & 891 reviews
205484
7 hours
51 parts
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की... आखिर तुम समझते क्या हो अपने आपको? हमारी शादी हुई है इसका यह मतलब नहीं है कि तुम मेरे साथ जो चाहे करोगे और फिर जानते क्या हो तुम मेरे बारे में?" मैं जोर ...
205484
7 hours
parts
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की... आखिर तुम समझते क्या हो अपने आपको? हमारी शादी हुई है इसका यह मतलब नहीं है कि तुम मेरे साथ जो चाहे करोगे और फिर जानते क्या हो तुम मेरे बारे में?" मैं जोर ...

Chapter

6
रँगरेज़ा: 5. उलझन-ए-ज़ुल्फ़
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7
रँगरेज़ा: 6. एक नज़र दिखलाए
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8
रँगरेज़ा: 7. बेचैन रात
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9
रँगरेज़ा: 8. एक शख़्स ऐसा भी
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10
रँगरेज़ा: 9. ज़बान की क़ीमत
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11
रँगरेज़ा: 10. सज़ा-ए-लड़कपन
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12
रँगरेज़ा: 11. ज़ीरो हो तुम
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13
रँगरेज़ा: 12. प्यार या कुछ और
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14
रँगरेज़ा: 13. प्यार में फिसली ज़ुबान
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15
रँगरेज़ा: 14. कुछ पन्ने अतीत के
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