इस सफर के लिए कंधों पे सपनों की पोटली, जेब में कुछ सिक्के लिए। चल पड़ा हूं मंजिल की ओर, दिल में कुछ ख्वाब लिए।। पास कुछ मेरे था नहीं, हाथ भी मेरे खाली थे... बस यूं ही शुरू किया सफर, आंखों में ...
इस सफर के लिए कंधों पे सपनों की पोटली, जेब में कुछ सिक्के लिए। चल पड़ा हूं मंजिल की ओर, दिल में कुछ ख्वाब लिए।। पास कुछ मेरे था नहीं, हाथ भी मेरे खाली थे... बस यूं ही शुरू किया सफर, आंखों में ...