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खुल गयी मधुशाला !!

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छोटी कवितायें

आज खुले मधुशाला के ताले मधु की प्यास में प्यासे सारे घूम रहे थे वे मतवाले आज खुले फिर से ताले पंडित मुल्ला और ईसाई लड़ा रहे है जाम के प्याले मंदिर मज्जिद में पड़ गए ताले जब से खुली मधुशाला ...

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मैं क्या लिखता हूं मुझे नही पता पर शायद कलम कल्पना के सागर में उतर जाती है

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