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रसगुल्ले

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प्रेमछोटी कवितायें

मीठे-मीठे,गोल-गोल रस भरे ये रसगुल्ले बना कर लाई अपने हाथों से आप सबके लिए p.t.o इन रसीले रसगुल्लों जैसे इस प्रतिलिपी परिवार ने भर दिया मुझे भी प्रेम रस से दिया इतना सम्मान और अपनापन आप सबका आभार ...

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Mamta Jha

मन की हर बात कागज़ पर उतार देते हैं, हालात कैसे भी हो,इस तरह हम खुद को संवार लेते हैं।

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  • REVIEWS
  • author
    21 May 2020
    दीदी,कैसे खाऊं इनको।मुंह में पानी आ रहा है।सपने दिखाकर ठग रही हैं आप।ये आपकी अच्छी बात नहीं है।😛
  • author
    21 May 2020
    मिठाई की मिठास.... गुलाब की पंखुड़ियों के साथ.... भीनी खुशबू.... स्वाद दोगुनी ..... कभी हम प्रतिलिपि पाठकों को भी मिले ऐसा स्वाद.... 😊😊😊🙏💐
  • author
    ANJALI JHA (Anju)
    21 May 2020
    बिल्कुल दीदी ईश्वर से यही कामना है की यही मिठास बनी रहे.... 🙏😊👌...... हाँ रसगुल्ले देखकर मुँह में पानी जरुर आ गया 😀😋
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    21 May 2020
    दीदी,कैसे खाऊं इनको।मुंह में पानी आ रहा है।सपने दिखाकर ठग रही हैं आप।ये आपकी अच्छी बात नहीं है।😛
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    21 May 2020
    मिठाई की मिठास.... गुलाब की पंखुड़ियों के साथ.... भीनी खुशबू.... स्वाद दोगुनी ..... कभी हम प्रतिलिपि पाठकों को भी मिले ऐसा स्वाद.... 😊😊😊🙏💐
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    ANJALI JHA (Anju)
    21 May 2020
    बिल्कुल दीदी ईश्वर से यही कामना है की यही मिठास बनी रहे.... 🙏😊👌...... हाँ रसगुल्ले देखकर मुँह में पानी जरुर आ गया 😀😋