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फिर भी तुमको चाहूंगा....

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प्रेमछोटी कवितायें

फिर भी तुमको चाहूंगा.... ज़िन्दगी कैसी है किसी को यह क्या बताऊंगा चलता ही जाऊंगा रुक तो नहीं पाऊंगा                             फिर भी तुमको चाहूंगा.... ढल जाएंगे लम्हें हर पल इनको रोक न पाऊंगा ...

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Ramesh Bisht
Reviews
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  • author
    21 April 2025
    नमस्कार। आपकी रचना पढ़के बहुत अच्छा लगा। ये सत्य मे एक बहुत अच्छा लेखन है। ओर लिखते रहिए। मै भी प्रतिलिपि हिंदी में लिखता हूं। मुझे प्रतिलिपि में अनुसरण करते हुए साथ जुड़े रहने का आपसे आन्तरिक अनुरोध रहा। धन्यवाद सहित शुभकामनाएं।
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    21 April 2025
    नमस्कार। आपकी रचना पढ़के बहुत अच्छा लगा। ये सत्य मे एक बहुत अच्छा लेखन है। ओर लिखते रहिए। मै भी प्रतिलिपि हिंदी में लिखता हूं। मुझे प्रतिलिपि में अनुसरण करते हुए साथ जुड़े रहने का आपसे आन्तरिक अनुरोध रहा। धन्यवाद सहित शुभकामनाएं।